भविष्य में आपके पास पाठक कहां से आयेंगे, सिर्फ सर्च इन्जिन्स से. अभी भी ढेर सारे ब्लाग अपना अधिकांश ट्रेफिक सर्च इन्जिन्स से ही प्राप्त करते हैं. ट्रांसलिट्रेशन के टूल को आपकी वेबसाईट से ही आनलाइन ट्रांसलिट्रेट करके दिखाना चाहिये, जैसे भोमियो.
यदि आपके पोस्ट को आपके ब्लाग से आनलाइन ट्रांसलिट्रेट करने के बजाय किसी और वेबसाईट पर संग्रहित करके दिखाया जाता है तो आपकी वेबसाईट सर्च इन्जिन्स में कहीं दिखेगी भी?
आपके ब्लाग पर तो सौ, दो सौ, ज्यादा से ज्यादा हजार पोस्ट होंगी पर जब पूरा हिन्दी ब्लाग एक जगह एकत्रित करके दिखाया जायेगा तो सर्च इन्जिन्स की खोजों में आपका ब्लाग कहां दिखायी देगा?
जी हां, आपके ब्लाग को फीड रीडर के द्वारा पूरा का पूरा पढ़ा जाता है. पर वह फीड रीडर सर्च इन्जिन्स की खोजों में अपने परिणाम नहीं भेजता.
सर्च इन्जिन्स भी अपने यहा cache में आपकी सामग्री रखते है, पर वे दूसरे सर्च इन्जिन्स के आगे अपनी एक बेवसाईट का रूप रखकर अपने खोज परिणाम नहीं दिखाते.
गूगल के यहां याहू नहीं दिखता, याहू की खोज में गूगल गायब हो जाता है. टेक्नोराती में सर्च इन्जिन्स एक ब्लाग का चोला ओढ़कर नही धंसते.
श्री रवि जी ने इससे पहले एक पोस्ट में भोमियो की रोमन ट्रांसलिट्रेशन को पढ़ने में असुविधाजनक बताया था. हां ये बात एकदम सही है.
तो भोमियो, जागो,
अपने ट्रांसलिट्रेशन को बेहतर करो, तुरन्त करो.
तुम नहीं करोगे तो इस काम को कोई और करेगा.
चलते चलते
वेबदुनिया हिन्दी में हिन्दी की सर्च से आवक बढ़ गयी है. ये पिछले हफ्ते से हिन्दी सर्च के ढेर सारे पाठक भेज रही है.