इस श्रखंला में मैंने पिछले लेख में लिखा था कि आप अपनी वेबसाईट पर वस्तु विक्रय करके या किसी शापिंग श्रंखला का एफिलियेशन से कमा सकते हैं। अब हम एडसेन्स पर बात करेंगे।
हिन्दी ब्लागिंग में कुछ ब्लागर्स ने तो एडसेन्स लगाया हुआ है पर अधिकांश ब्लागर के पास अभी एडसेन्स खाता नहीं है. मेरा ये लेख सिर्फ उन दोस्तो के लिये है जिनके पास अभी तक गूगल एडसेन्स खाता नहीं है।
इसके लिये पहला कदम तो ये है कि आप गूगल एडसेन्स का खाता लें।
आप गूगल एडसेन्स (http://google.com/adsense) में जाकर एडसेन्स के लिये अप्लाई कर सकते हैं।
यदि आप हिन्दी में ब्लाग लिखते है तो अधिकतर संभावना इसी बात की है कि गूगल आपकी एडसेन्स एप्लीकेशन को अनसपोर्टेड लेन्गुएज के नाम पर खारिज कर दे।
इसका हल तो यही है कि आप एक अंग्रेजी ब्लाग बनाकर उसमें सिर्फ तीन चार लेख डाल दें और एडसेन्स के लिये अप्लाई कर दें।
गूगल एडसेन्स से आपको केवल एक ही खाता प्राप्त होता है. सिर्फ एक खाता ही नहीं, आपने जिस पते पर एकबार खाता ले लिया उस पते पर गूगल दूसरा खाता किसी और व्यक्ति के नाम से भी नहीं देता। आप इस एक खाते को कितनी ही वेबसाईट पर उपयोग कर सकते हैं. यदि आपने एकबार अंग्रेजी के ब्लाग के लिये खाता लिया है तो इसे आप हिन्दी या किसी अन्य भाषा की वेबसाईट के लिये भी प्रयोग कर सकते हैं।
तो अभी आप गूगल खाते के लिये अप्लाई कीजिये।
कमाई की बात जारी रहेगी।
Saturday, October 6, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
आप के ब्लॉग पर तो ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है.
यदि आप हिन्दी में ब्लाग लिखते है तो अधिकतर संभावना इसी बात की है कि गूगल आपकी एडसेन्स एप्लीकेशन को अनसपोर्टेड लेन्गुएज के नाम पर खारिज कर दे।
मुझे कई हिंदी ब्लागरों के ई मेल आये जिन्हे ये समस्या थी. आपने अपने ब्लाग पर समाधान किया. इसके लिये धन्यवाद.
एक बात समझ नही आई आपने एड सेंस का प्रयोग क्यों नही किया?
इष्टदेव और अंकुर भाई; मेरी अन्य स्रोतों की आय के मुकाबले मुझे गूगल एडसेन्स से आय अनाकर्षक लगती है।
वैसे अभी जुम्मा जुम्मा चार दिन तो इस ब्लाग पर हुये है, थोड़ा दम लेने दीजिये। देखें मेरा रायबहादुर पना आप लोगों को पसन्द आता भी है या नहीं?
आप नूर को पसन्द करेंगें तो नूर यहां रहेगा, वरना असीम इन्टरनेट में गोता लगा जायेगा।
Post a Comment