Friday, October 5, 2007

ब्लाग्स में रोमन की वर्ड्स (Roman Keywords) लिखने के फायदे

वैसे तो मैं आज एडसेन्स के ऊपर ही लिखना चाहता था पर कल रात को मुझे रोमन ब्लाग्स पर मसिजीवी की एक एन्ट्री दिखी। इसलिये आज सिर्फ इसी पर बातें करेंगे।

रोमन में की वर्ड्स (Roman Keywords) क्यों?
गूगल पर सर्च अभी रोमन में ही की जाती है। अगर आपको की खोज करनी है तो आप इसे हिंदी में न लिखकर रोमन में ही खोजेंगे। इसीलिये भारतीय भाषाओं के ब्लागर अपनी भाषाओं के साथ साथ ब्रेकेट में रोमन भी लिख देते हैं इससे सर्च इन्जिन्स में उनके ब्लाग्स के खोज की संभावना बढ़ जाती हैं जैसे आप उन्मुक्त जी के ब्लाग में आये Butter Chicken in Ludhiana रोमन में लिख कर खोजने पर गूगल में दूसरे पन्ने पर आजाता है। यदि आप अपने ब्लाग में रोमन शब्दों का उपयोग करते हैं तो आपके गूगल खोज में आने की संभावना कई गुनी बढ़ जाती हैं।

उदाहरण के लिये आप Nokia Cirocco गूगल में खोजें तो सबसे पहला परिणाम में हिन्दी का एक ब्लाग cell-guru.blogspot.com आ जाता है। सेल्युलर फोन की गूगल खोज की शीर्ष तीन में शामिल होने का मूल्य का अंदाजा तो आप लगा ही सकते होंगे। ये सिर्फ उदाहरण के लिये लिया गया है। इसी ब्लाग से Motorola TXTR D7, LG-SV360 या Sony Ericsson Bluetooth Media Center MMV-200 को खोजकर देखिये। जो लोग ब्लाग पर ब्रेकेट में रोमन के की शब्द लिख रहे हैं उनको आप खुद गूगल में खोज कर देखिये। इस से आप समझ सकते हैं कि गूगल के लिये रोमन शब्दों की अहमियत क्या है। (गूगल खोज के परिणाम भारत से हैं)

इसका अर्थ है कि आप यदि अपने ब्लाग पर रोमन कीवर्ड कोष्ठक में लिखते हैं तो आप सर्च इन्जिन्स को अपनी ओर खीच सकते हैं। यानी कि आपके ब्लाग के लिये रोमन की बहुत अहमियत है। इसलिये आप अपने ब्लाग में रोमन के शब्द ब्रेकेट में अवश्य लिखिये।
दोस्तो, ये जो कुछ भी लिखा है मेरे खुद के विचार हैं, या तो मैं थोड़ा गलत होऊंगा या पूरा ही गलत होऊगा। हर गलती के लिये पहले से ही मुआफ़ी

अभी इस विषय पर बात आधी और बची है। आपके सर्द गर्म कमेन्ट्स का इन्तजार रहेगा।

8 comments:

काकेश said...

आप सही लिख रहे हैं लिखते रहें और ज्ञान बांटते रहें.

उन्मुक्त said...

नूर जी,
आप ठीक कह रहें हैं। इसलिये मैं, बहुत समय से, अपनी ब्लॉगर चिट्ठे के चिट्ठियों के शीर्षक पहले रोमन (अंग्रेजी) में लिखता हूं ताकि उनका पता अंग्रेजी में रहे। एक बार प्रकाशित करने के बाद उसे हिन्दी में बदल देता हूं। वर्डप्रेस में यह करने की जरूरत नहीं क्योंकि आप स्लग में अंग्रेजी में पता दे सकते हैं। इससे बहुत सारे फायदे हैं।
IIM Banglore के बारे में हर्षदीप जॉली ने एक बेहतरीन पुस्तक Every thing you desire: A journey through IIM लिखी है। यदि आप Every thing you desire के नाम से गूगल पर सर्च करे तो पहले पन्ने पर सबसे ऊपर मेरी यह चिट्ठी आती है। इस पर सर्च कर रोजाना कई लोग पहले इस चिट्ठी पर, उसके बाद और चिट्ठियां को पढ़ते हैं।

नूर की बात, रौशनी की बात said...

उन्मुक्त जी धन्यवाद,
आपके ब्लाग के ढेर सारे शब्द गूगल में अच्छी सर्च पर हैं। इसीलिये आपके अधिकांश पाठक गूगल से आते होंगे।

ब्लागर में यदि आप रोमन के कुछ शब्द इस्तेमाल कर लेते हैं तो ब्लागर इसे स्लग के रूप में स्वीकार कर लेता है।

रवि रतलामी said...

आप बेहतरीन जानकारियाँ बांट रहे हैं. वह भी प्रायोगिक. आपके आगे के चिट्ठों का इंतजार है..

Srijan Shilpi said...

आभार, इस ज्ञानवर्धन के लिए।

Sanjay Tiwari said...

इस बारे में सोचना होगा.

संजय बेंगाणी said...

सही जा रहे हैं, लिखते रहें.

ePandit said...

आपसे सहमत हूँ फिलहाल गूगल सर्च कीवर्ड्स रोमन में ही हैं, मेरे चिट्ठे पर भी अधिकतर गूगल सर्च रोमन कीवर्ड्स से ही आती है। इसके लिए काफी समय से मैं ब्लॉगर पर पोस्ट स्लग हैक प्रयोग कर रहा हूँ।

जानकारी के लिए निम्न लेख देंखें।

http://epandit.blogspot.com/2007/02/blogger-hack-post-slug.html