Saturday, October 6, 2007

अपने बाज़ार पर फोकस करें (Target Your Market)

ब्लाग आपका है मर्जी आपकी है जो चाहें लिखें लेकिन यहां बात पैसे की हो रही है.
यदि आप विशिष्ट पाठकों को अपने ब्लाग पर चाहते हैं तो आपके लिये यही उचित है कि आप इनके लिये एक से अधिक ब्लाग बनायें.

रवि रतलामीजी ने हिन्दी साहित्य के लिये अलग ब्लाग बनाया है और तकनीक के लिये अलग. आप सब धान बाईस पसेरी रखेंगे तो कैसे चलेगा भाई? रेडियोनामा आने वाले समय में कितना ज्यादा पढा जायेगा ये सिर्फ मैं अनुमान लगा सकता हूं, युनुस भाई नहीं.

एक शाम मेरे नाम की पुरानी पोस्ट कितनी ज्यादा पढी जातीं है, असल बात मनीष भाई जानते हैं, मैं भी पूरा अनुमान लगा सकता हूं.



आलोक पुराणिक ने व्यंग्य और निवेश सलाह के लिये अलग अलग ब्लाग बनाये हैं.ये मेरी समझ में एकदम सही है.

तो सबकुछ एक ही ब्लाग पर मत ठेल दीजिये. अर्जुन की तरह मछली पर निशाना रखें. अपने बाजार पर फोकस करें

अपनी अगली पोस्ट में मैं विशिष्ट बाजार के लिये लिखे गये एक ब्लाग का विस्तार में विष्लेशण कर के बताऊंगा कि विशिष्ट बाजार के लिये लिखने के क्या फायदे होते हैं.
बात जारी रहेगी, कमाई की बात.

3 comments:

ePandit said...

आपसे सहमत हूँ, मैंने भी कुछ समय बाद अपने ब्लॉग (http://epandit.blogspot.com) को तकनालॉजी तक सीमित कर लिया था।

Gyan Dutt Pandey said...

मेरे साथ इसका उलट हुआ. मैने रेलगाड़ी नामक ब्लॉग इस हिसाब से बनाया था कि रेल विषयक लेख उसमें होंगे. पर रेल नियम के चलते उसपर गहन लेखन नहीं कर सका और जो रेल के बारे में लिखा जा सकता है वह सामान्य सा है. वह मेरे जनरल ब्लॉग पर आ सकता है. कुल मिला कर रेलगाड़ी सक्रिय नहीं रह पाया!

नूर की बात, रौशनी की बात said...

आपका ये ब्लाग मैंने देखा है. मुझे इसपर स्टेशन पर फिरते बच्चों पर सर्वेक्षण पर लिखा बहुत पसन्द आया था. आपको एक मेल भी भेजी थी, याद है?:)
हमारी जिन्दगी सीमा रेखाओं के बीच ही गुजरती है. जब इस बन्दिश मुक्त हो जायें, तब फिर शुरू कीजिये.